16 बाधक योग - उपेंद्र धाकरे 16 Badhak Yog (Hindi) by Upendra Dhakre
जीवन में आने वाले बाधक योग एवं उनके समाधान पर आधारित जन्म लेने के बाद से ही व्यक्ति का जीवन संघर्ष प्रारम्भ हो जाता है और जीवनपर्यन्त मृत्यु होने तक यह संघर्ष बना रहता है । यह संघर्ष जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में देखने को मिलता है जैसे जीवित रहने के लिये, आगे बढ़ने के लिये, दायित्वों का निर्वाह करने के लिये तथा भौतिक सुबिथायेँ प्राप्त करने के लिये । यह ऐसे संघर्ष हैं जिनका सामना प्रत्येक सामाजिक प्राणी को करना पड़ता है । जीवन के प्रारम्भ से लेकरमृत्युत्तक एक व्यक्तियों कुछ प्राप्त कस्ना चाहता है अथबा अपने विशेष लदृथों को पूरा करना चाहता है, उसमें प्रत्येक कदम यर अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता है । यह संघर्ष उन बाधाओं को ममाम करने के लिये होता है जो व्यक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में स्रमस्यायेँउत्यन्नकरतीहैँ ।नाकारजितनेग्रकार को बाधायें होती हैं, उतना ही संघर्ष व्यक्ति को करना पड़ता है । -सम्यांसी एवं पागल व्यक्ति क्रोछोड़करऐसा व्यक्तियहनहींकासकता कि उसके जीवन में किसी साकार को बाधा नहीं है अथवा उसे किसी बाधा का कभी सामना नहीं करनापड़ाहो । 36 बाधक योत्रा पुस्तक में हमने 36 प्रकार की ऐसी बाधाओं का वर्णन किया है जो कम अथवा अधिक रूप में समस्त व्यक्तियों को प्रभावित करती हैं । यह बाधायें केसे होती हैं, इनका स्वरूप केसा होता है, ज्योतिषीय दृष्टि से इन बाधाओं के उत्पन्न होने के यया कारण हो सकते हैं तथा इनसे युक्ति पाम करने के लिये क्या उयायकियेजानेचाहियेगाबकीविवेचना 1 6 बाधक योत्रा पुस्तक में की गई है । मेरा विशवास है कि यह पुस्तक सभी व्यक्तियों के लिये अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी । ... शनिसाधक्र उपेन्द्र धाकरे