Adbhut Vyaktitva Arvind Kejriwal
अदभुत व्यक्तित्व अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल एक ऐसे अदभुत व्यक्तित्व का नाम है, जिसने सैद्धांतिक राजनीति को व्यवहारिकता प्रदान की है। जन-जन के हृदय को झकझोर देने वाले अन्ना के देशव्यापी जन आंदोलन में सक्रिय भूमिका अदा करने वाले अरविंद केजरीवाल को ऐसा अनुभव होने लगा कि सत्ता में आए बिना जन लोकपाल एवं भ्रष्टाचार मुक्त भारत का उनका सपना अधूरा रहेगा। अन्ना राजनीति से दूर रहे लेकिन अरविंद सक्रिय राजनीति में कूदे। इरादे नेक थे अतः सफलता तो मिलनी ही थी। परिवर्तन व सूचना के अधिकार से सामाजिक-वैचारिक राजनीतिक क्रान्ति लाने का जो बीड़ा उठाया है, उन्होंने दिल्ली में बिना किसी ताम-झाम के पूर्ण सादगी के साथ आम आदमी पार्टी की सरकार बनाकर उसका बिगुल फूंक दिया है। अपने आरंभ में ही उन्होंने इस परिभाषा को चरितार्थ किया है कि लोकतंत्रा (आम) जनता का (आम) जनता के द्वारा (आम) जनता के लिए शासन है। शासन में हर व्यक्ति की भागीदारी एवं जन लोकपाल के जरिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत उनके जीवन का लक्ष्य है। सूरज बनने में उन्हें थोड़ा समय भले ही लगे लेकिन आज वे एक ऐसे दीपक के रूप में उभरे हैं जिसका प्रकाश आस-पास के भ्रष्टाचार रूपी अंधकार को दूर करने एवं आम आदमी में नूतन आशा का संचार करने में समर्थ है। पिछले कुछ दशकों से साहित्यकारों के लिए व्यंग्य का माध्यम बन गई राजनीति की परिणति अब मूल्यात्मक राजनीति में होगी, इसी सपने को संजोए आम आदमी के हित में बढ़ते जा रहे हैं अरविंद केजरीवाल। उनके जीवन के हर पहलू को नजदीक से जानने के लिए आइए पढ़ते हैं यह पुस्तक।