Dostoyevsky Ke Prem (Mahan Lekhak Ke Jivan Ke Antarang Sambandho Ki Kahani) दॉस्तोएवस्की के प्रेम उन्नीसवीं शताब्दी के रूसी लेखक फ्योदोर मिखाइलोविच दॉस्तोएव्स्की न केवल महान रचनाकार थे, बल्कि वह एक असाधारण व्यक्ति और प्रेमी भी थे। उनका संपूर्ण जीवन उथल-पुथलपूर्ण था और उसके लिए परिस्थितियों के साथ वह स्वयं भी ज़िम्मेदार थे। दॉस्तोएव्स्की के विषय में यह कहा जाता है कि वह मनोमुग्धकारी कथाकार थे। उनके उपन्यासों ने उनकी मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और दार्शनिक गहनता के कारण आधुनिक पाठकों में उन्हें प्रिय बना दिया था। वे अनूठे कथानकों, विलक्षण पात्रों, अविस्मरणीय स्थितियों और आश्चर्यजनक अंतों से परिपूर्ण हैं। फिर भी उनका कोई भी कार्य शायद ही इतना चौंकानेवाला हो, जितना उनका स्वयं का जीवन-- विषेश रूप से वेश्याओं, आदर्शवादी विवाहिता महिलाओं, आकर्षक और स्वतंत्र - उन्मुक्त औरतों और कामुक युवतियों के साथ बिताया गया उनका जीवन था। यही नहीं जुआ उनकी विशेष कमज़ोरी था।