जैमिनी ज्योतिष Jaimini Jyotish Ka Adhyayan by B V Raman फल कथन की सुगम व सशक्त पद्धति का न जैमिनी ज्योतिष है.फल कथन के लिए ग्रह बल साधन आवश्यक है। ग्रह तथा भाव बल जाने बिना फलादेश करना मनो मुसीबत मोल लेना सरीखा है। भाव बल व ग्रह बल की गणना बहुत जटिल व अधिक समय लेने वाली होती है. भाव साधन तथा भावेश निर्णय, ग्रह की भाव संधि पर स्थिति कुछ ऐसी बाते है,जो ज्योतिषियों को नाहक हताश कराती है। इसके विपरीत जैमिनी ज्योतिष में राशि ही भाव है तथा राशि मध्य ही भाव और राशि अनत ही भाव अंनत है। राशि बल तथा ग्रह बल यहां शीघ्रतापूर्वक सरलता से निकला जाता है। कालबल , चेष्टाबल ,दुगबल की जटिल गणना की यहाँ आवश्यकता नहीं पड़ती।