Lagna Darshan Trutiya Khand By Pandit Krishna Ashant
लग्न दर्शन तृतीय(तुला,वृश्चिक,धनु) खंड - पंडित कृष्ण अशांत
'लग्न दर्शन' भारतीय ज्योतिष जगत में शायद पहली पुस्तक है जिसमें लग्न भाव के में इतने विस्तार से लिखा गया है। इस पुस्तक की विशेषता केवल इसका विस्तार ही नहीं बल्कि इसमें लग्नेश के हर भाव में होने का फलादेश भी दिया गया है। लग्नेश के साथ दूसरे ग्रहों का होना और उनका फलादेश अपने आप में एक अनोखी बात है।