Maa (Kranti Ka Anokha Dastavez) by Maxim Gorki
माँ ( क्रान्ति का अनोखा दस्तावेज़ ) - मक्सिस गोर्की
मक्सिस गोर्की नाम है एक ऐसे रुसी साहित्यकार का जिसने उपन्यासों के आलावा, नाटक, कहानिया तथा आत्मकथा पर आधारित कई रचनाऍ विश्व को दी। उनकी इन सभी कृत्यों में तत्कालीन रूस में हो रहे उस उत्पीड़न का वर्णन है, जिसके विद्रोह में रूस की महान क्रांति हुई थी। मेहनतकशों के शोषण को एक शू स्टोर में नौकरी करते समय 'गोर्की' ने खुद भी भोग था। गोर्की की कलम से उगलती क्रांति नाराज तत्कालीन सरकार ने पहले उन्हें गिरफ्तार किया, बाद में देश निकला दे दिया। लेकिन देश से बाहर रहते हुए भी वे रूस में होने वाले क्रन्तिकारी कार्यकलापों में सक्रीय रहे। अक्टुम्बर क्रांति के बाद संन 1917 में गार्की को 'प्रचार विभाग' का प्रमुख बनाया गया। रुसी-क्रांति के सेना नायको और रुसी जनता के बीच गोर्की को विशिष्ट सम्मान प्राप्त था।
'माँ' गोर्की की एक ऐसी अतिविशिष्ट रचना है, जिसका विश्व की लगभग सभी प्रमुख भाषाओ में अनुवाद हुआ है। इसके आलावा 'लोअर डेप्थ' और माई 'चाइल्डहुड एंड रेमिनिसेन्सेज ' गोर्की की महत्वपूर्ण कृतियाँ है।