Shri Padmavati Sadhna Aur Siddhi By Ashok Sahjanand
श्री पद्मावती साधना और सिद्धि
शाक्त संप्रदाय में जो स्थान गौरी अर्थात दुर्गा का है,बौद्ध संप्रदाय में जो स्थान तारा का है, कौलिको ( कपालिको ) में जो स्थान व्रज का है,वही स्थान जैनो में पद्मावती देवी का है। इनकी महादेवी के रूप में स्तुति की गई है। जिस प्रकार ' शिव और शक्ति ' की पूजा - उपासना तंत्रागमो में सस स्पष्ट है वैसी ही 'धरणेन्द्र और पद्मावती ' की युगल उपासना जैनधर्म में प्रचलित है। जैन ही नहीं जैनेतर साधक भी अर्थ - सिद्धि के लिए पद्मावती की साधना को विशेष महत्व देते है। तंत्रगत ग्रंथो में महालक्ष्मी का अपरेनम ' पद्मावती ' बतलाया गया है। पद्मावती साधना से सबधित प्रामाणिक दुर्लभ सामग्री को प्रथम बार सुसंपादित कर सिद्धहस्त लेखक एव कुशल संपादक आचार्य अशोक सहजानंद जी ने साधक-समाज को एक विशेष उपहार प्रदान किया है।