तेनालीराम की कहानियां दक्षिण भारत में महाराज कृष्ण देव राय व तेनालीराम के किस्से कुछ उसी प्रकार लोकप्रिय हैं जैसे उत्तर भारत में शाहंशाह अकबर और बीरबल के। हर किस्से को पढ़ने पर पता चलता है कि किस प्रकार तेनालीराम विपरीत परिस्थितियों को भी अपने पक्ष में कर लेता था। उसकी कार्यशैली कुछ ऐसी थी कि काम भी निकल जाता और किसी का नुकसान भी नहीं होता, बल्कि लोग पेट पकड़कर हंसने को विवश हो जाते। कई बार अपने विरोधियों को सबक सिखाने के लिए तेनालीराम परिस्थतियों को उत्पन्न भी करता, पर कुछ ऐसे कि किसी को हानि न हो। उसके हर कार्य में बुद्धिमत्ता की झलक स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।