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Vipada Ke Mare (Hindi Translation of Les Miserables) (Set of 2 Books)
Victor Hugo
Author Victor Hugo
Publisher Samvad Prakashan
ISBN 9788189868123
No. Of Pages 950
Edition 2019
Format Paperback
Language Hindi
Price रु 600.00
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Description

Vipada Ke Mare (Hindi Translation of Les Miserables) (Set of 2 Books)

विपदा के मारे - पार्ट-१ और २ - विक्टर ह्यूगो

Les Misérables is a French historical novel by Victor Hugo, first published in 1862, that is considered one of the greatest novels of the 19th century.

प्रतिभा के धनी विक्टर ह्यूगो ने 16 वर्ष की आयु में ही राष्ट्रीय कविता लिखकर ख्याति के अंकुर संजो लिए। 25 वर्ष के होते-होते ह्यूगो युवा लेखक के रूप में फ्रांस भर में विख्यात हो गए। उनकी ख्याति उनकी आयु के साथ बढती ही गई और 1885 में जब उनकी मृत्यु हुई तो वे 83 वर्ष के थे; मगर उनकी अर्थी के पीछे इतना जनसमूह था कि फ्रांस में उस शताब्दी में किसी की अर्थी के पीछे इतनी भीड़ न थी। यह था उनकी शताब्दियों तक चलनेवाली ख्याति का एक प्रमाण।

विश्व के महान लेखकों में श्री ह्यूगो आज भी जीवित हैं। अटपटी घटनाओं और भावनाओं के 19वीं सदी के लेखकों में उनका तीसरा स्थान है। बाल्टर स्काट लार्ड बायरन की भाँति वे प्रसिद्ध रोमानी लेखक माने जाते हैं। कहानीकार, कवि, नाटककार और उपन्यासकार-वे क्या कुछ नहीं थे !

इस प्रतिभा का जन्म 1802 में फ्रांस में हुआ। 20 वर्ष की आयु में बचपन की प्रेमिका फॉसर से विवाह किया और 1827 में ‘कामवेल’, नाटक पर भारी ख्याति अर्जित की। 1831 में हंचबैक आफर नात्रे दम’ लिखकर उन्होंने विश्व के महान लेखकों में अपना स्थान बना लिया।

नेपोलियन तृतीय के तानाशाही व्यवहार के प्रति उग्रता प्रकट करने पर उन्होंने फ्रांस छोड़कर गुर्नसी टापू में 19 वर्ष बिताए और वहीं अपने जीवन की श्रेष्ठ और प्रिय रचनाएँ रचीं। गरीब और शोषितों के समाज के अन्याय के प्रति खाका खींचनेवाला उपन्यास ‘लास मिजरेबुलस’ मानव के निर्दय व्यवहार की कहानी-‘द मैन हू लाफ्स’, तथा समुद्री संघर्ष की वैज्ञानिक कहानी ‘टायलर्स आफ द सी’ उन्होंने इसी निर्वासन में लिखीं। 1870 में नेपोलियन के पतन के साथ ही इनके लाखों अनुयायियों ने इन्हें फ्रांस वापस बुला लिया।

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