Hindudharma Ke Mulbhut Adhar Stambh
सृष्टि की उत्पत्ति कब हुई, क्यों हुई, कैसे हुई? इन प्रश्नों का उत्तर देना आसान नहीं है। पहले ब्रह्माण्ड, फिर जीवन, फिर अंधकारमय पदार्थ में विलीन हो जाना – यही सृष्टि की प्रक्रिया है। करोड़ों वर्षों की विकास- प्रक्रिया के पश्चात् मानव इस पृथ्वी पर आया, फिर पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर उसका विकास और संचरण (फैलाव) हुआ।
देश, काल और परिस्थिति के अनुसार उसमें विभिन्न आदतों, स्वभाव और धर्मों की प्रवृत्ति हुई। उन विकसित सर्वप्राचीन धर्मों में हिंदूधर्म है, जिसे सत्यधर्म, वैदिकधर्म तो कहते ही हैं, किन्तु इसका सर्वप्रचलित नाम ‘सनातन-धर्म’ है। यह धर्म अनादि, अनन्त और कभी भी नष्ट होने वाला नहीं है।
इस सनातन-धर्म के मूलभूत आधार क्या हैं, वे कौन-कौन सी विशेषताएं हैं, जो इसे सर्वश्रेष्ठ और जीवंत बनाए रखने में सहायक हैं? “हिंदूधर्म के मूलभूत आधार-स्तम्भ” पुस्तक समस्त जिज्ञासुओं के लिए वैदिक हिंदू धर्म-दर्शन तथा संस्कृति की झलक प्रस्तुत करती है।
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