Anandmay Jeevan Ka Utsav (Hindi Translation of The Art of Joyful Living) by Swami Rama तुम एक स्वस्थ और आनन्दमय जीवन जी सकते हो, तुम्हें यह समझना होगा कि आनंद तुम्हारा अपना सृजन है। ‘आनन्दमय जीवन जीने का उत्सव’ एक नियम पुस्तिका है, यह सीखने के लिए कि यहीं और अभी ख़ुश कैसे रहें। - पं. राजमणि त्रिगुणायत चाहे आपको अध्यात्म की तलाश हो या आप अपने जीने के अंदाज को सुधारना चाहते हों, यह पुस्तक जीवन जीने के सामान्य दर्शन और जीवन को आनंद के साथ कैसे जिया जाए, के लिए प्रैक्टिकल सुझाव प्रस्तुत करती है। स्वामी राम ने बताया है कि कठिन समय में भी हम कैसे आनन्द से भरपूर दृष्टिकोण अपनाए रख सकते हैं। वह हमें व्यवहार के रूपान्तरण, अंतर्ज्ञान के विकास, सामर्थ्य और इच्छा - शक्ति बढ़ाने और स्नेहपूर्ण रिश्ते बनाए रखने के अलावा और भी बहुत कुछ सिखाते हैं। स्वामी राम हिमालय के सबसे महान गुरुओं में से एक हैं। वह भारत में जन्मे। उन्होंने भारत और यूरोप से अपनी पढ़ाई की। अपना आध्यात्मिक प्रशिक्षण हिमालय की गुफाओं में बने मठों और तिब्बत में लिया। उन्होंने हिमालयन इन्टरनेशनल इन्स्टीट्यूट आॅफ़ योगा साइंस एंड फिलासफ़ी सहित अनेकानेक संस्थानों की स्थापना की है।