Daant Dapat Ke Bina Bachchon Ko Kaise Sudhare (Hindi Translation of How To Discipline Your Child) By Juhi Agarwal
डांट-डपट के बिना बच्चों को कैसे सुधारे - जूही अग्रवाल
अनुशासन संबंधी आपकी सोच और विचार को बदल देने वाली एक प्रैक्टिकल पुस्तक
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चे जन्म से उद्दंड या बिगड़े हुए नहीं होते, बल्कि उनके बिगड़ने का मुख्य कारण उनके ही माता-पिता, अभिभावक व बचपन में दिए गए संस्कार होते हैं।
सबसे पहले बच्चे के मां-बाप व अभिभावक को जानना होगा कि लालन-पालन का सही तरीका क्या है? इसी प्रकार किसी भी व्यक्ति को बच्चे का लालन-पालन कैसे करना है? क्योंकि बच्चा पैदायशी सीखकर नहीं आता है। अधिक डांट-डपट से बच्चा ढीठ व जिद्दी बन सकता है। बिना किसी कठोर दंड व डांट-डपट के बच्चे को किस प्रकार सभ्य, शिष्ट और अनुशासित बनाया जाय, यही इस पुस्तक का उद्देश्य है।
इस पुस्तक में ऐसे तमाम व्यावहारिक नुस्खे दिए गए हैं, जिनका प्रयोग कर माता-पिता बच्चों को ही नहीं , बल्कि किशोरों को भी बिना आपा खोए अनुशासित कर सकने में समर्थ होंगे।