Positive Soch Ke Funde by N. Raghuraman जो लोग समाधान प्रस्तुत करते हैं, दुनिया उनका सम्मान करती है और जो लोग समस्याएँ पैदा करते हैं, उनकी निंदा करती है। पर समाधान प्रस्तुत करने के लिए पॉजिटिव यानी सकारात्मक सोच बहुत जरूरी है, क्योंकि सकारात्मक से ही विचार प्रक्रिया संचालित होती है और समाधान निकलते हैं। नकारात्मकता से भरी दुनिया में सकारात्मकता आकाश में नक्षत्र के समान है। आप जितना अधिक सकारात्मक होंगे, आप उतने ही अधिक चमकेंगे। इसलिए सकारात्मक बनिए और चमकते रहिए। पॉजिटिव सोच विकसित कर सफल होने के फंडे बताती बेहतरीन पुस्तक। N. Raghuraman मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है। श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।