टोबा टेक सिंह और अन्य कहानियाँ अगर आपको मेरी कहानियाँ अश्लील या गंदी लगती हैं, तो जिस समाज में आप रह रहे हैं, वह अश्लील और गंदा है। मेरी कहानियाँ तो केवल सच दर्शाती हैं... अक्सर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्ज़ाम लगते। बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुद्दों पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाज़ों के पीछे दबा कर, छुपा कर रखा जाता था। सच सामने लाने के साथ, कहानी कहने की अपनी बेमिसाल अदा और उर्दू ज़बान पर बेजोड़ पकड़ ने सरआदत हसन मंटो को कहानी का बेताज बादशाह बना दिया। मात्र 43 सालों को ज़िंदगी में उन्होंने 200 से अधिक कहानियाँ, एक उपन्यास, तीन निबन्ध-संग्रह और अनेक नाटक, रेडियो और फिल्म पटकथाएं लिखीं। फ्रेंच और रूसी लेखकों से प्रभावित, वामपंथी सोच वाले मंटो के लेखन में सच्चाई को ऐसे पेश करने की ताकत है जो लंबे अर्से तक पाठक के दिलो-दिमाग पर अपनी पकड़ बनाए रखती है। 2012 में पूरे हिन्दुस्तान में मनाई गई मंटो की जन्म-शताब्दी इस बात का सबूत है कि मंटो आज भी अपने पाठकों और प्रशंसकों के लिए जिंदा हैं।
हिन्दी और उर्दू के मशहूर संपादक प्रकाश पंडित के अनुवाद में मंटो की कलम का जादू इस पुस्तक की हर कहानी में बरकरार है।