उन्तह कालामृत Uttar Kalamrut (Granth Kar Mahakavi Kalidas) इसमें
1. जन्मकाल लक्षण
2. गृह बल साधन,
3. आयुर्दाय
4. ग्रहभाव फल के साथ
5. कारकत्व खंड में भाव व् ग्रहों के कारकत्व पर विचार हुआ है। पाठकों की सुविधा के लिए इस टिका में राशि शील व कारकत्व भी जोड़ दिया गया है। आशा है सह्दय पाठक इस धृष्टता के लिए क्षमा करेंगे। अध्याय
6. दशाफल
7. प्रश्न तथा
8. विविध फल सहित प्रथम कांड में कुल आठ खंड या अध्याय है। इसके बाद द्रितीय कांड कर्मकांड खंड में 105 श्लोको में सुखी व समृद्ध जीवन कर लिए विधि निषिधो पर विस्तार से चर्चा हुई है।