Sukhmaya Jeewan Ke Secrets “मैं खुश हूँ, क्योंकि मेरा परिवार है, अच्छे दोस्त हैं, मेरे पास अच्छी नौकरी है, पैसा है और सुरक्षा है।” लेकिन खुशी के ये सारे कारण अस्थायी होते हैं। ये हवा के झोंके की तरह आते हैं और जब आते-जाते खुशी हमारी पकड़ में नहीं आती, तो हम उसकी तलाश में व्यसनों में पड़ जाते हैं। इस अवचेतन आशा के साथ कि इससे हमें आनंद मिलेगा। खुशी के बाहरी कारण कभी भी वास्तविक आनंद नहीं दे सकते। प्रसन्नता वास्तव में चेतन की उस आंतरिक अवस्था को कहते हैं, जो यह तय करती है कि हम इस दुनिया को किस दृष्टि से देखते और अनुभव करते हैं। —इसी पुस्तक से विश्वविख्यात मोटिवेशन गुरु एवं विचारक डॉ. दीपक चोपड़ा के विशद अनुभव पर आधारित यह पुस्तक हमें अपने आपको जानने का मार्ग खोलती है—मैं कौन हूँ? कहाँ से आया हूँ? मृत्यु के बाद कहाँ जाऊँगा? उन्होंने प्राचीन वेदांत और आधुनिक विज्ञान की मदद से हमें प्रकृति से तादात्म्य स्थापित कर सुखमय जीवन जीने के लिए 12 नियम बताए हैं। निज को जानने-समझने का बोध करानेवाली अंतरराष्ट्रीय बेस्ट सेलर पुस्तक।