Categories
Authors List
Discount
Buy More, Save More!
> Minimum 10% discount on all orders
> 15% discount if the order amount is over Rs. 8000
> 20% discount if the order amount is over Rs. 25,000
--
Malgudi Ka Chalta Purza
R.K.Narayan
Author R.K.Narayan
Publisher Rajpal And Sons
ISBN 9789350640920
No. Of Pages 190
Edition 2015
Format Paperback
Language Hindi
Price रु 185.00
Discount(%) 0.00
Quantity
Discount
Buy More, Save More!
Minimum 10% discount on all orders
15% discount if the order amount is over Rs. 8000
20% discount if the order amount is over Rs. 25,000
8197_malgudikachaltapurza.Jpeg 8197_malgudikachaltapurza.Jpeg 8197_malgudikachaltapurza.Jpeg
 

Description

मालगुड़ी का चलता पुर्जा - आर. के. नारायन

Malgudi Ka Chalta Purza (Hindi Translation of The Financial Expert) by R. K. Narayan

इस चुलबुले और रोचक उपन्यास में एक बार फिर लेखक आर. के. नारायण ने अपने प्रिय स्थान ‘मालगुड़ी’ को पृष्ठभूमि में रखा है। मार्गैय्या अपने आप को एक बहुत बड़ा वित्तीय सलाहकार समझता है लेकिन वास्तव में वह एक चलता पुर्जा के अलावा कुछ नहीं जो औरों को सलाह मशवरा देकर, अनपढ़ किसानों को यह समझाकर कि कैसे वे बैक से ऋण ले सकते हैं और तरह-तरह के छोटे-मोटे फार्म बेचकर अपनी अच्छा खासी आमदनी कर लेता है। उसका ‘दफ़्तर’ है मालगुड़ी का बरगद का पेड़, जिसके नीचे वह अपनी कलम, स्याही की दवात और टीन का बक्सा लेकर बैठता है और शायद आपको आज भी बैठा मिलेगा....


आर. के. नारायन शायद अंग्रेजी के ऐसे पहले भारतीय लेखक हैं जिनके लेखन ने न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पाठकों में भी अपनी जगह बनाई। उन्होंने अपने उपन्यासों और कहानियों के लिए न केवल रोचक विषयों को चुना, बल्कि उन्हें अपने चुटीले संवादों से इतना चटपटा भी बना दिया कि जिसने भी उन्हें एक बार पढ़ा उसमें नारायण की रचनाओं को पढ़ने की चाहत और बढ़ गई।

10 अक्टूबर 1906 को जन्मे आर. के. नारायण ने पंद्रह उपन्यास, पाँच लघु-कथा संग्रह, यात्रा-वृत्तांत आदि लिखे। 1960 में उन्हें उनके उपन्यास ‘गाइड’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘मालगुड़ी की कहानियाँ’, ‘स्वामी और उसके दोस्त’, ‘डार्क रूम’, ‘नागराज की दुनिया’ और ‘इंग्लिश टीचर’ उनकी जानी मानी कृतियाँ हैं। पचानवे बरस तक पाठकों को अपनी रचनाओं से गुदगुदाने के बाद 13 मई 2001 को उनकी मृत्यु हो गई और उनकी कलम हमेशा के लिए थम गई, लेकिन मालगुड़ी और उसकी कहानियां आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।

Subjects

You may also like
  • Charitrahin
    Price: रु 150.00
  • Krishnayan (Hindi Edition)
    Price: रु 400.00
  • Eleven Minutes (Hindi Translation)
    Price: रु 225.00
  • Alchemist (Hindi Translation)
    Price: रु 195.00
  • Aankh Ki Chori
    Price: रु 135.00
  • Chhota Rajkumar
    Price: रु 499.00
  • Param Jivan
    Price: रु 195.00
  • One Night @ The Call Centre [Hindi Translation]
    Price: रु 175.00
  • Krishnaavtaar-1: Bansi Ki Dhun
    Price: रु 175.00
  • Krishnaavtaar-2: Rukmini Haran
    Price: रु 250.00
  • Krishnaavtaar-3: Paanch Paandav
    Price: रु 295.00
  • Krishnaavtaar-4: Mahabali Bhim
    Price: रु 250.00