Sushrut Samhita (Sampurna Sanskrit Hindi Tika) By Atrideva सुश्रुतसंहिता आयुर्वेद के प्राचीन संहिता-ग्रंथों में सुश्रुतसंहिता का स्थान महत्वपूर्ण है। इसमें आचार्य सुश्रुत ने ऐसे सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया है जो सभी चिकित्सा-पद्धतियों के लिए मार्गदर्शन करा सकते हैं। सैद्धान्तिक विषयों का प्रतिपादन करने के अतिरिक्त इसमें आयुर्वेद के आठ अंगों का भी विवरण दिया गया है। इसमें शल्यक्रिया को प्रधानता दी गई है। ग्रंथ कई स्थानों में विभाजित है-सूत्र,निदान,शरीर,चिकित्सा,कल्प। अन्त में उत्तरतन्त्रम् के साथ इस ग्रंथ की समाप्ति हुई है।