नाना नानी की कहानियां पानी का एक सांप जिस तालाब में रहता था, उसे अपनी जागीर जैसा समझता था। उसी तालाब के निकट एक अन्य विषैला सांप (वाइपर) भी रहता था, जो वहां पानी पीने आता था। और उस तालाब पर केवल अपना हक मानता था। एक दिन पानी के सांप ने विषैले सांप को चुनौती दी और मामले को हमेशा के लिए हल करने की सोची दोनों आपस में भिड़े गए। तालाब के किनारे रहने वाले मेढक इस लड़ाई में वाइपर सांप के साथ थे, क्योंकि पानी का सांप उन्हें तनिक न भाता था। वे टर्रा-टर्रा कर वाइपर का उत्साह बढ़ाने लगे और अंत में जीत भी वाइपर की ही हुई। तब मेढकों ने वाइपर से जीत में अपने हिस्से की माँग करी। लेकिन जब जवाब में वाइपर फुसफुसाने लगा तो मेढकों ने आश्चर्य से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहा है ? इस पर वाइपर बोला-‘‘जिस तरह टर्राकर तुमने मेरा साथ दिया, उसी तरह फुंफकारकर मैं उसका बदला चुका रहा हूं।