Yodhha Sanyasi Vivekanand By Hansraj Rahabar योद्धा सन्यासी विवेकानंद - हंसराज रहबर इस पुस्तक से पहले विवेकानंद जी की छवि हिन्दू धर्म प्रचारक और व्याख्याकार स्वामी तक ही सिमित थी । एक ऐसी स्वामी की छवि तक जिन्होंने शिकागो धर्म महासभा में भारतीय धर्मग्रंथो की सर्वथा अनूठी व्याख्या करके समूचे विश्व के बुद्धिजीवियों के समक्ष अपनी संस्कृति की म्हणता की धाक जमाई । स्वामीजी ने अपनी प्रखर चेतना के बल पर भारतीय संस्कृति पर हो रहे अंग्रेज सरकार के सांस्कृतिक आक्रमण को पहचाना और पराक्रमी योद्धा की तरह उसको रोकने का ऐतिहासिक दायित्व सफलतापूर्वक निभाया था ।